Monday, May 20, 2013



 कभी उल्फत भरा लहजा 

कभी उतरा हुआ चेहरा 

समज मैं नहीं आता 

बता मेरा गुनाह क्या है ..??

मेरी उलझन मिटा  दे 

मुझे इतना बता तोह दे 

मैं  मुजरिम हु 

या मेहराम हु 

मेरी सजा क्या हैं ??

मेरी जज़ा क्या है ?? 

मेरी सांसे तो चलती हैं 

तेरी यादों से ऐ ह्मदम 

मेरा दिल 

मेरी जान 

ये सब कुछ नाम तेरे हैं 

बता अब पीछे बचा क्या हैं ..??


पल 


No comments: