Sunday, March 6, 2011

महोब्बत ठहर जाती है..!!


हम अक्सर यह समझते हैं
जिसे हम प्यार करते है
उसे हम भूल बैठे हैं
मगर ऐसा नहीं होता
मोहब्बत धीमी आग है
महोब्बत ठहर जाती है !!!

हमारी रूह मै कही
मोहब्बत बैठ जाती है
भूलना चाहते है
मगर यह कम नहीं होती
किसी भी दुःख की सूरत में
कभी कोई ज़रुरत में
कभी अनजान से ग़म में
कभी लहजे की ठंडक में
उदासी की ज़रुरत में
कभी बारिश की सूरत में
हमारी आँख की नमी मै

कभी सपनो की किरच मै
कभी कतरे की सूरत में
वो आ ही जाती है
कभी ऐसा लगता है
उसे हम भूल बैठे हैं
मगर ऐसा नहीं होता ...
मगर ऐसा नहीं होता....
यह हरगिज़ कम नहीं होती...
महोब्बत ठहर जाती ....

Friday, March 4, 2011


ता क़यामत सोचकर देखा
तेरा चेहरा फिर अगर में देख लू

बस एक बार ..
शुक्र करते करते बाकि ज़िन्दगी कर दूँ में गुज़र ..

WISH



ए मुहोब्बत में तेरी अदा'ओं से हु परेशां
जिसे इतना चाहा उसे ही पाने की ख्वाहिश नहीं ..



तेरी सिर्फ एक ही बात
मुझे ज्यादा याद आती है .....



तेरा यह कहना ,
तुम मेरे होना चाहते हो ...