Saturday, October 24, 2009

तेरे साथ हु मैं ....!!!!!


थक जाओ गर पथरीले रास्तों पे चलते हुए
कभी सोच न लेना की वहां तनहा हो तुम
मूँद कर पलकों को अपनी जो तुम देखोगे
अपने साथ ही सदा मुझ को पाओगे तुम

हर वक्त बुरा कट जात है, यकीन करना
आँखों मैं कभी तुम अश्क न भर लेना
धुंध बढ़ जाए, मुस्कराहट खोने लगे
अपनी दुआओं मैं मुझ को पाओगे तुम

इश्क नाम तो नहीं है मिलन का, दीदार का
दिल से दिल का मिल जाना है नाम-ऐ-मोहब्बत
जो याद आ जाए मेरी, न समझना की दूर हूँ
अपने सीने मैं धड़कता मुझ को पाओगे तुम

वक्त की गर्मी जो झुलसाने लगे वुजूद
मेरी चाहत की नमी को महसूस करना
जो सर्द हवां ज़माने की आने लगें पास
मेरी वफाओं की गर्मी को महसूस करना
मैं तुमसे जुदा तो नहीं हूँ मेरे हमदम
अपने साथ ही सदा मुझ को पाओगे तुम !!
PG