Saturday, November 15, 2008

अजमाइश

तुम को पाने की ख्वाहिश मैं,
उम्र उजर दी अजमाइश मैं ,
ना तुम मिले , ना करार आया ,
हां, ख़ुद को पा लिया ,
तुम्हारी पैमाइश मैं .....
PG

2 comments:

Dr. Ravi Srivastava said...

एक वादा था हर वादे के पीछे,
तू मिलेगा हर गली हर दरवाजे के पीछे,
तुमसे प्यार बहुत किया था,
मगर एक तू ही न था मेरे जनाजे के पीछे .

Anonymous said...

Gajab hai Palak ji aap to!

Pearl...