Sunday, November 2, 2008

खामोशी


वो आज फ़िर हम से मिला, वो आज फ़िर चला गया ,
न हमसे कुछ कहते बना , न उसी से कुछ कहा गया..

शरमाया सा - घबराया सा , वो सामने बैठे रहा,
हम लबो को हिला कर रह गए , वो इस कदर हमें हिला सा गया ,

उसे आस ये की हम कुछ कहे, हमें इंतज़ार ये की वो कुछ कहे,
वो खामोशी मैं बोलता गया, हम खामोशी को सुन ना पाए ,

होसला किया भी था की बढ़ कर हाथ थाम ले ,
हम दिल ही थामे रह गए , वो नजर यु मिला गया ,

बेताब सारी हसरते तड़प - तड़प के रह गई ,
हम मुस्कुरा के रह गए , वो मुस्कुरा कर चला गया ....

PALAK..... PG

1 comment:

Anonymous said...

Woh Chali Gayi Hum Rote Reh Gaye Hume Bina Kahe Hi Woh Sab Kuch Keh Gaye Hum Kya The Unke Liye Kal Jo Ajj Honge Sare Armaan Humare Ansuo Mein Beh Gaye.


Pearl...